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India Become 4th Largest Stock Market: इस देश को रौंदते हुए भारत निकला आगे, फिर बन गया शेयर बाजार का चौथा बादशाह
India Become 4th Largest Stock Market:- भारत में मोदी सरकार के तीसरे टर्म की शुरुआत के साथ ही अब शेयर बाजार में भी तेजी आनी चालू हो गई है। भारतीय शेयर बाजार ने हाल ही में भारी बढ़ोतरी दर्ज की है और अब वह दुनिया के चौथे सबसे बड़े शेयर बाजारों में शामिल हो गया है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) की सूचीबद्ध सभी कंपनियों के Capitalization मूल्य ने $5.21 ट्रिलियन के स्तर को पार कर दिखाया है, जबकि हांगकांग के शेयर बाजार का Capitalization $5.17 ट्रिलियन डॉलर हो गया है। इस वर्ष की शुरुआत में ही भारत ने हांगकांग को पीछे छोड़कर वैश्विक स्तर पर चौथी बड़ी बाजार की पदक्रम में प्रथम स्थान हासिल किया था। इस बढ़ती हुई गतिविधि के पीछे कई कारण हैं, जिनमें विदेशी निवेशकों की उत्सुकता और भारतीय अर्थव्यवस्था में अनुमानित वृद्धि शामिल है।
आईए जानते हैं कि कैसे भारतीय शेयर बाजार ने अपने नए रिकॉर्ड को तोड़ते हुए अपनी वृद्धि में कैसे एक नई ऊंचाई छू रहा है और विदेशी निवेशकों के लिए क्या इसका मतलब हो सकता है। भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास के समर्थन में सरकारी पहलों और निवेश के विकास में की जा रही महत्वपूर्ण कदमों को भी जानना आवश्यक है।
- Mutual Fund में निवेश करने से पहले अगर इन बातों का ध्यान नहीं रखा तो भुगतना पड़ सकता है बड़ा नुकसान!
हाई Market Capitalization वाले देश
Country | Market Capitalization |
---|---|
USA | $56.49 trillion |
China | $8.84 trillion |
Japan | $6.30 trillion |
India | $5.21 trillion |
Hong Kong | $5.17 trillion |
India Become 4th Largest Stock Market: Market Capitalization में वृद्धि के कारण
बाजार विश्लेषक पिछले कुछ महीनों में भारत के शेयर बाजारों में तेजी से हुई बढ़ोतरी का श्रेय बीएसई के बढ़ते बाजार Capitalization को देते हैं। भारतीय बाजार विदेशी निवेशकों को भी आकर्षित कर रहा है, जिससे भविष्य में विदेशी निवेश में उछाल आ सकता है। एनएसई का निफ्टी सूचकांक पिछले महीने में लगभग 6% और पिछले छह महीनों में 11.84% बढ़ा है।
विश्लेषकों का अनुमान है कि अगले 12 महीनों के भीतर निफ्टी इंडेक्स 25,800 के आसपास पहुंच सकता है। पिछले हफ्ते बीएसई स्मॉल-कैप इंडेक्स में 5% और मिड-कैप इंडेक्स में 4.4% की बढ़ोतरी हुई।
इंफ्रास्ट्रक्चर में निरंतर निवेश
स्टॉकब्रोकर फर्म प्रभुदास लीलाधर के विशेषज्ञों का अनुमान है कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पूंजीगत व्यय-संचालित विकास पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगी। फोकस के प्रमुख क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, सड़क, बंदरगाह, विमानन, रक्षा, रेलवे और नवीकरणीय ऊर्जा बुनियादी ढांचे का विकास शामिल होगा।
आरबीआई से ₹2.1 लाख करोड़ के लाभांश के साथ, वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटा 20 आधार अंक कम होने की उम्मीद है। प्रभुदास लीलाधर के विशेषज्ञों का मानना है कि ऑटोमोबाइल, बैंक, पूंजीगत सामान, रक्षा, अस्पताल, फार्मास्यूटिकल्स, सीमेंट और विमानन जैसे क्षेत्रों के लिए दृष्टिकोण सकारात्मक है।