Ajit Doval Reappointed NSA

Ajit Doval Reappointed NSA: मोदी के तीसरे टर्म में भी ‘अजय’ रहेंगे ‘अजीत’, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तौर पर फिर हुई नियुक्ति

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Ajit Doval Reappointed NSA:- देश में 2024 के आम चुनाव के बाद, अब फिर एक बार भारतीय जनता पार्टी और श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार भारत की सत्ता पर काबिज हुई है। 4 को आए चुनाव के रिजल्ट के बाद 9 जून को राष्ट्रपति भवन में लगातार तीसरी बार नरेंद्र मोदी नें अपने नए मंत्रिमंडल के साथ शपथ ग्रहण किया और उसके बाद सभी मंत्रियों को उनके मंत्रालयों का आवंटन भी कर दिया गया है।

नई सरकार के बनते ही अब देश के NSA की पोस्ट के लिए एक बड़ा निर्णय आज सामने आया है जिसके मुताबिक 20 मई 2014 से भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर पदस्थ अजीत डोभाल को लगातार तीसरी बार इस पद पर पुनः नियुक्त किया गया है।

Ajit Doval Reappointed NSA: कौन हैं अजीत डोभाल?

अजीत डोभाल भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Advisor – NSA) हैं। उन्हें हाल ही में फिर से इस पद पर नियुक्त किया गया है। अजीत डोभाल का नाम भारत की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। अजीत डोभाल का जन्म 20 जनवरी 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा अजमेर मिलिट्री स्कूल से प्राप्त की और बाद में उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री हासिल की।

पॉपुलर IPS हैं डोभाल

डोभाल 1968 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में शामिल हुए। उन्होंने अपनी सेवा का अधिकांश समय खुफिया एजेंसियों में बिताया, खासकर इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) में। डोभाल ने कई महत्वपूर्ण मिशन सफलतापूर्वक पूरे किए हैं, जिनमें से कुछ का विवरण गुप्त रखा गया है।

डोभाल के खुफिया और सुरक्षा मिशन

अजीत डोभाल का नाम भारत के उन चुनिंदा हस्तियों में शुमार हैं जिनके पास सबसे ज्यादा शक्तियां और पहुँच हैं। वें देश के सुरक्षा सलाहकार होने के साथ साथ जासूस भी रह चुके हैं। उनके कुछ ऐसे कारनामे हैं जिनसे नई पीढ़ी को बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है-

मिज़ोरम और पंजाब में आतंकवाद से लड़ाई: डोभाल ने मिज़ोरम और पंजाब में उग्रवादियों के खिलाफ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने उग्रवादी समूहों में घुसपैठ कर महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई।

ऑपरेशन ब्लू स्टार: 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान, डोभाल ने महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी जुटाई थी। इस ऑपरेशन का उद्देश्य अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को बाहर निकालना था।

मालदीव में ऑपरेशन कैक्टस: 1988 में, मालदीव में हुए तख्ता पलट को विफल करने के लिए भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन कैक्टस में भी डोभाल की भूमिका महत्वपूर्ण रही।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में भूमिका

मोदी सरकार बनने के बाद 2014 में अजीत डोभाल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया था। इस पद पर रहते हुए उन्होंने भारत की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर सरकार को सलाह दी, जैसे कि:

  • सर्जिकल स्ट्राइक: 2016 में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक का सफल संचालन।
  • चीन के साथ संबंध: डोकलाम विवाद के दौरान चीन के साथ बातचीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • आंतरिक सुरक्षा: जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद की स्थिति को संभालने में भी महत्वपूर्ण योगदान।
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