Project PARI:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 28 जुलाई को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के दौरान एक अनोखी पहल, प्रोजेक्ट PARI (Public Art of India), पर चर्चा की। लोकसभा चुनाव में जीत के बाद यह उनका दूसरा और कुल 112वां एपिसोड था। आइए विस्तार से जानें, प्रोजेक्ट PARI क्या है और कैसे यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर को एक नई दिशा दे रहा है।
Project PARI और उद्देश्य
प्रोजेक्ट PARI का मुख्य उद्देश्य संवाद, चिंतन और प्रेरणा को प्रोत्साहित करना है, जो हमारे राष्ट्र की गतिशील सांस्कृतिक संरचना में योगदान देता है। इसके अलावा, इस परियोजना का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य नई दिल्ली के सौंदर्य और सांस्कृतिक दृष्टिकोण को उन्नत करना है। इस परियोजना को ललित कला अकादमी और राष्ट्रीय आधुनिक कला दीर्घा के सहयोग से चलाया जा रहा है।
यह पहल संस्कृति मंत्रालय द्वारा विश्व धरोहर समिति की 46वीं बैठक के अवसर पर शुरू की गई थी, जो 21 से 31 जुलाई तक नई दिल्ली में आयोजित हुई थी। इस परियोजना में देश भर के 150 से अधिक दृश्य कलाकारों ने भाग लिया और राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न स्थलों पर सार्वजनिक स्थानों की सुंदरता बढ़ाने का काम किया।
Project PARI, Public Art को लोकप्रिय बनाने का एक बड़ा माध्यम बन रहा है। इससे जहां सार्वजनिक स्थानों की सुंदरता बढ़ रही है, वहीं हमारी संस्कृति को और Popular बनाने में मदद मिल रही है। pic.twitter.com/Crr6RfrBRq
— Narendra Modi (@narendramodi) July 28, 2024
Project PARI: प्रतिभागी कलाकार और उनकी रचनाएं
ललित कला अकादमी, जो संस्कृति मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्था है, ने इन कलाकारों को आमंत्रित किया था। इन कलाकारों ने पारंपरिक कला रूपों जैसे मूर्तियां, भित्ति चित्र और इंस्टॉलेशन बनाईं। उनकी कलाकृतियां राजस्थान की फड़ पेंटिंग्स, पश्चिम बंगाल की अल्पना कला, तेलंगाना की चेरियाल पेंटिंग्स, केरल की भित्ति चित्रकला और गुजरात की पिथोरा कला इत्यादि से प्रेरित हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने रेडियो शो में कहा, “आपने सड़कों के किनारे, दीवारों पर और अंडरपास में बनाई गई सुंदर पेंटिंग्स देखी होंगी। ये पेंटिंग्स और कला कृतियां उन कलाकारों द्वारा बनाई गई हैं जो PARI से जुड़े हुए हैं।”
प्रोजेक्ट PARI के लाभ
नई दिल्ली का सांस्कृतिक सौंदर्य
प्रोजेक्ट PARI का एक प्रमुख लाभ यह है कि यह नई दिल्ली की सौंदर्यता को बढ़ाता है। सार्वजनिक स्थानों पर बनाए गए सुंदर पेंटिंग्स और कला कृतियां न केवल शहर को सुंदर बनाती हैं बल्कि इसमें सांस्कृतिक विविधता को भी दर्शाती हैं। यह परियोजना स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बन गई है।
कलाकारों के लिए नए अवसर
यह परियोजना देश भर के कलाकारों के लिए नए अवसर प्रदान करती है। पारंपरिक कला रूपों को प्रोत्साहित करने और उन्हें एक मंच देने के माध्यम से, प्रोजेक्ट PARI ने कलाकारों को उनकी कला को व्यापक दर्शकों के सामने प्रदर्शित करने का मौका दिया है। इसके साथ ही, यह कलाकारों के लिए आर्थिक रूप से भी लाभदायक साबित हो रही है।
विशेषता | विवरण |
---|---|
परियोजना का नाम | प्रोजेक्ट PARI |
आरंभकर्ता | संस्कृति मंत्रालय |
सहयोगी संस्थाएं | ललित कला अकादमी, राष्ट्रीय आधुनिक कला दीर्घा |
भाग लेने वाले कलाकार | 150+ |
प्रेरणास्रोत | पारंपरिक भारतीय कला रूप |
प्रोजेक्ट PARI क्या है?
प्रोजेक्ट PARI का मतलब Public Art of India है, जिसका उद्देश्य संवाद, चिंतन और प्रेरणा को प्रोत्साहित करना है और नई दिल्ली के सौंदर्य और सांस्कृतिक दृष्टिकोण को उन्नत करना है।
प्रोजेक्ट PARI के तहत कौन-कौन से कला रूप शामिल हैं?
इस परियोजना के तहत राजस्थान की फड़ पेंटिंग्स, पश्चिम बंगाल की अल्पना कला, तेलंगाना की चेरियाल पेंटिंग्स, केरल की भित्ति चित्रकला और गुजरात की पिथोरा कला शामिल हैं।